
सुल्तानपुर
दो बकरों को खाया शेर ने तीन बकरों की दहशत में मौत सुनकर अजीब लगा होगा मगर मामला सच है
सुल्तानपुर नगर के इलाके में इन दिनों शेर होने की दहशत में लोग जी रहे है न जाने कहा से आकर इंसान पर हमला कर दे मामला है नगर सुल्तानपुर के वार्ड क्रमांक 10 के टोहोरिया के स्कूल प्रिंस कान्वेंट और ग्लोबल स्कूल से अदा किलोमीटर दूरी का जहां बारना नदी से लगे हुए खेत में बने अकील मंसूरी के खेत का पिछले 15 दिन से उनके खेत नाले की बीड़ में आकर शेर उनके दो बकरे खा गया जिसमें आज शेर की दहशत से तीन बकरों की मौत हो गई किसान अकील मंसूरी ने वन विभाग के रेंजर सहित अधिकारियों को शेर होने की जानकारी भी दी अधिकारियों ने वन अमले के साथ जाकर शेर की पुष्टि भी की कैमरे भी लगाए गए डॉन कैमरन से भी शेर को ढूंढ वाया गया वन विभाग के वन रक्षक ने शेर को देखा भी लेकिन वन विभाग की लापरवाही सामने आ रही है शेर को देखने के बाद भी उसको वह से पकड़वाने के इंतजाम नहीं किए जा रहे है शेर लगातार दिन ब दिन घटना कर रहा है आए दिन जानवरों को अपना शिकार बना रहा है आखिर वन विभाग के अधिकारी शेर को पकड़ वाने में इतनी सुस्ती क्यों दिखा रहे हैं क्या किसी इंसान की जान लेने के बाद या किसी बच्चे बुजुर को अपना शिकार बनाने के बाद वन विभाग के अधिकारी हरकत में आएंगे या जानबूझकर शेर को पकड़ना नहीं चाह रहें है एक किसान का लगातार इतना नुकसान होने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारी कुंभ कारण की नीद में सोए हुए हैं ऐसा कहना उचित होगा क्योंकि वन अमले सहित रेंजर डिप्टी रेंजर और एस डी ओ तक शेर घरों के आसपास खेत के नाले में होने की सूचना लिखित आवेदन में अकील मंसूरी द्वारा दे दी गई हे उनके खेत से दिन दहाड़े दो बकरों का शिकार करने की लिखित आवेदन में शिकायत की गई हे लेकिन अधिकारी अभी तक आगे की कार्यवाही करने में सक्षम नहीं हुए क्या वन विभाग के अधिकारी अभी तक आखिर शेर को पकड़वाने में कोताई क्यों बरत रहे हे मामला दिन ब दिन गंभीर होता जा रहा है क्षेत्र के लोग दहशत में जी रहे हैं सुल्तानपुर के वार्ड नंबर 13 में भी शेर दस्तक दे चुका हे वहां भी इस शेर ने एक गए के बछड़े का शिकार किया हैं और लगातार एक किमी मीटर के दायरे में घूम रहा हे दुनाए से राहगीरों और स्कूली बच्चों का आना जाना रहता हैं सौदा सामान खरीदने के लिए बच्चे और पुरुष महिलाएं वहां से गुजरते हैं कही ऐसा न हो शेर किसी इंसान को अपना शिकार बना ले वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेकर शेर को यहां से पकड़ वाकर किसी सुरक्षित जगह पोहचाना चाहिए ताकि इंसान भी सुरक्षित हो उनके पशु भी सुरक्षित हो और शेर भी अब देखना ये होगा वन मंडल अधिकारी वरिष्ठ अधिकारी मामले में क्या संज्ञान लेते हैं कब तक इस शेर को सुरक्षित जगह भेजते या इसे आदमखोर बनने के लिए यही रहने देते है