बुधनी उपचुनाव में भाजपा के भीतर कलह, चौहान कम्युनिटी ने प्रत्याशी बदलने की मांग उठाई

बुधनी उपचुनाव में भाजपा के भीतर कलह, चौहान कम्युनिटी ने प्रत्याशी बदलने की मांग उठाई

मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर विवाद खुलकर सामने आ गया है। यह सीट पहले से ही राजनीतिक खींचतान का केंद्र बनी हुई है। मौजूदा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और प्रत्याशी बदलने की मांग की जा रही है।

इस उपचुनाव में भाजपा ने विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को मैदान में उतारा है, जो पहले विदिशा से सांसद रह चुके हैं। रमाकांत को पार्टी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छोड़ी हुई सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है, क्योंकि चौहान 2024 के लोकसभा चुनाव में विधानसभा से इस्तीफा देकर संसद पहुंचे थे। हालांकि, बुधनी में चौहान समुदाय की बड़ी आबादी है और वहां के लोग चाहते हैं कि उनके समुदाय का ही कोई नेता इस सीट से चुनाव लड़े। इसी वजह से चौहान कम्युनिटी में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

राजेंद्र सिंह राजपूत ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी और मंगलवार को बड़ौदा में एक बैठक बुलाई, जिसमें सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में उपस्थित लोगों ने मौजूदा उम्मीदवार को हटाने और चौहान समुदाय से किसी को उम्मीदवार बनाने की मांग की। बैठक को शांत करने के लिए पूर्व मंत्री रामपाल सिंह राजपूत भी पहुंचे, लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। रामपाल सिंह ने कहा कि पार्टी ने कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था, लेकिन शिवराज सिंह चौहान के परिवार का सदस्य होने के कारण केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर फैसला नहीं लिया।

रामपाल सिंह ने कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। कार्यकर्ताओं ने रमाकांत भार्गव को बदलने की मांग पर अड़े रहे और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो चुनाव परिणाम पार्टी के अनुकूल नहीं होंगे। इसके बावजूद, कार्यकर्ताओं के इस विरोध को रोकने का कोई प्रयास सफल नहीं हो पाया, और यह बैठक भाजपा के भीतर उपचुनाव को लेकर गहराते विवाद की स्पष्ट तस्वीर पेश करती है।

राजेंद्र सिंह राजपूत ने भी इस विवाद के बीच कहा कि वह पार्टी के निर्णय का सम्मान करेंगे और कार्यकर्ताओं की भावनाओं को संगठन के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा कि उनका जीवन कार्यकर्ताओं की सेवा के लिए समर्पित है, और जो भी निर्णय कार्यकर्ता लेंगे, वह उसे स्वीकार करेंगे। राजेंद्र सिंह 2005 में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद बुधनी की सीट छोड़ चुके थे, लेकिन अब वह इस सीट पर अपनी दावेदारी फिर से ठोक रहे हैं।

भाजपा के भीतर चल रहे इस विवाद के बीच यह भी उल्लेखनीय है कि चौहान कम्युनिटी में सुनील चौहान एक महत्वपूर्ण नेता हैं, जिनका परिवार पिछले पांच दशकों से बुधनी क्षेत्र में सक्रिय राजनीति से जुड़ा हुआ है। सुनील चौहान ने न केवल किसान मोर्चा में काम किया है, बल्कि बुधनी क्षेत्र की राजनीति में भी उनकी प्रभावशाली भूमिका रही है। उनकी मजबूत पकड़ और लंबे समय से समुदाय के लिए किए गए कार्यों के कारण चौहान समुदाय उन्हें भी अपने प्रतिनिधि के रूप में देखना चाहता है।

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