जंगलों में नाकाम वन विभाग,अब्दुल्लागंज क्षेत्र में बडा शेरो के शिकार! जंगलों को काटकर बनाए जाते खेत वन कर्मियों की भूमिका संदिग्ध




शेरों की घटती जनसंख्या को देखते हुए भारत सरकार ने शेरों के संरक्षण के लिए कई कड़े कानून बनाकर शेरों को संरक्षण पहुंचने की पहल 1972 से ही शुरू कर दी जिसके फल स्वरुप कई अभ्यारण क्षेत्र में शेरों का कुनबा फल फूल रहा है पर वही मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में शेरों की संख्या घटने की कगार पर आ गई है वन विभाग की नाकाम कोशिश और कुर्सियों पर आसीन अधिकारी गहरी नींद में सो रहे हैं जिसके चलते आए दिन जंगलों में शेरों के शिकार बढ़ गए हैं सामान्य वन मंडल अब्दुल्लागंज की चिकलोद रेंज मैं पिछले दिनों एक शेर का शव संदिग्ध हालत में मिला था जिसके पैरों से पंजे गायव थे तो बही माथे पर एक सुराख़ था जिससे इस शेर के शिकार की सम्भावना ब्यक्त की गई जब वन विभाग को इसकी सूचना मिली तो अनन फानन में वन विभाग द्वारा कुछ संदिग्ध लोगों की धर पकड़ कर न्यायालय में पेश कर दिया पर कई सवाल वन विभाग की कार्य प्रणाली पर भी खड़े हो रहे हैं जिस क्षेत्र में शेर का शिकार हुआ था वहां के कुछ ग्रामीणों एवं सूत्रों का दावा है कि भोपाल से कई शिकारी आए दिन जंगलों में शिकार के लिए आते हैं इन शिकारियों का परस्पर वन विभाग के चंद कर्मचारियों से संपर्क बना रहता है जिनकी साठ गांठ के साथ यह जंगलों में शिकार को अंजाम देते हैं सूत्रों का कहना है कि हाल ही में जिस शहर का शिकार हुआ था वह एकमात्र शेर नहीं था उसी दिन उसी क्षेत्र में दो शेरों का शिकार हुआ था जिसमें से केवल एक ही शेर के शव को बरामद किया गया जो लगभग 15 दिन पुराना था ग्रामीणों की अगर मानें तो वन विभाग के ही कर्मचारियों ने शेर के शब को शिकार वाले स्थान से हटकर नदी के किनारे फेंका था इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो मूलत जांच के बाद ही सामने आएगी पर अगर ग्रामीणों की बात में जरा सी भी सच्चाई है तो एक बड़ा प्रश्न चिन्ह वन विभाग के अधिकारियो और कर्मचारियों पर खड़ा होता हे चिकलोद रेंज जो की अब्दुलगंज डिवीजन के अंतर्गत अति हे यहाँ पिछले 4 सालो से संजय राजपूत बतोर रेंज अफसर के रूप में विद्यमान है कोई भी रेंज अफसर 3 साल से अधिक एक स्थान पर नहीं रह सकता यह शासन की गाइडलाइन है पर प्रशासनिक अधिकारियों से अच्छे ताल मेल के चलते यह 3 साल होने के बाद भी अपनी सेवाएं यहां पर दे रहे हैं चिकलोद रेंज से आए दिन शिकार के साथ ही जंगलों से लकड़ी की कटाई और अवैध खुदाई जंगलों को काटकर खेत बनाने के लिए अतिक्रमण होना पिछले एक माह पूर्व में चिकलोद रेंज बिट भूरी टेकरी सोथर सोसाइटी रोड किनारे दर्जनों सागोन के पेड़ काटे गए थे जिसकी खबरें भी प्रकाशन हुई थी लेकिन अधिकारियों द्वारा वन रक्षक डिप्टी पर कोई कार्यवाही देखने को नही मिली और कार्यवाही होती भी केसे जब अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता तो केसे कार्यवाही हो जब से मोहोदे ने प्रभार संभाला है तब से ही शिकायतें मिलती रहती हैं जंगलों के बीच में जाकर अगर जांच की जाए तो यथा स्थिति सामने आ जाएगी



