सुल्तानपुर के क्षेत्रमें तेज हवा आंधी के साथ जोरदार बारिश हवा के साथ हुई बारिश के कारण कई कच्चे मकान गिरे बिजली पोल गिरेनेताओ ने एक सप्ताह पहले दिए बड़े बड़े भाषण जनता को लुभाया समय पड़ने पर हुए गायब

*सुल्तानपुर के क्षेत्र
में तेज हवा आंधी के साथ जोरदार बारिश हवा के साथ हुई बारिश के कारण कई कच्चे मकान गिरे बिजली पोल गिरे
नेताओ ने एक सप्ताह पहले दिए बड़े बड़े भाषण जनता को लुभाया समय पड़ने पर हुए गायब

रामचरण मैथिल

सुल्तानपुर सहित बागसपुर सेमरी सिलारी चकावली सहित जिले में कई जगह हुई बरसात
तेज हवा आधी के साथ शुरू हुई बारिश से कई कच्चे मकानों के छप्पर उड़े और कई मकान गिर गए तेज हवा से कई पेड़ गिरने की संभावना आधी तूफान हवा से सुल्तानपुर की बिजली के घंबे भी गिरे कई तार टूटे पड़े हुए हे कल शाम की बरसात के बाद जल जीवन अस्त व्यस्त हो गया वही आधी तूफान बरसात होने के बाद भी एक दिन गुजर गया लेकिन नगर के प्रशासनिक अधिकारी पटवारी तहसीलदार ने अभी तक ग्रामों में हुए नुकसान का मायना नही किया और ना किसी पटवारी को भेज कर कोई सर्व करवाया गया सुल्तानपुर तहसील तहसीलदार मोहोदय को शायद आधी तूफान पानी गिरने की जानकारी नहीं मिल सकी हो जो ग्रामीणों के हुए नुकसान का कोई पता नहीं जो अभी तक कुंभ कारण की नीद सोए हुए हे जो अभी किसी भी तक गांव में जाकर देखा तक नहीं हे अगर हम बात करें जनप्रतिनिधियों की तो दो दिन पूर्व में नेताओ की बड़ी बड़ी सेवा करने की बाते सामने आ रही थी गांव गांव में जाकर समाज की सेवा गरीबों को योजनाओ का लाभ दिलाना उनकी परेशानीयो में उनके साथ खड़े रहने की बड़ी बड़ी बाते की जा रही थी नेताओ की सेवा बोहोत उछाल मार रही थी कल शाम से हवा पानी से हुए नुकसान का मायना करने कोई नेता नही पोहचा क्या यही समाज सेवा हे वोट मांगने के लिए तो सैंकडो की तादाद में जनप्रिति निधि नेता पोहौच जाते हे अपनी मीठी मीठी बातों से जनता से वोट लेने के लिए लुभाते हैं लेकिन बुरा वक्त पड़ने पर कोई गरीबों की समस्या सुनने के लिए दिखाई नही देता धन्य हे ऐसे मेरे नेता जनप्रतिनिधि जिस तरह तेज
बिजली गरज आंधी तूफान आना प्राकृतिक की मार बिन मौसम के चल रहा आंधी तूफान किसानों का बुरा हाल किसानों की कई जगह मूंग फसल को हो हुआ बड़ा नुकसान पर्यावरण को नष्ट करना मनुष्य के लिए बड़ी चुनौती
जैसे हरे-भरे पेड़ पौधे काटना जंगलों को काटना अवैध उत्खनन कर पहाड़ीयो को खोदकर आयात निर्यात करना यह सब प्राकृतिक के साथ छेड़छाड़ करने जैसा है कभी अटूट गर्मी पारा 45 डिग्री सेल्सियस होना कभी आंधी तूफान के साथ अति बारिश होना यह सब मालिक की बनाई हुई प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना मनुष्य को घातक सिद्ध हो रहा है
अगर अब्भी मनुष्य नही माना तो आनेवाले समय में कब दिन होगा कब रात होगी कब गर्मी कब सर्दी कुछ पता ही नही चलेगा देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान फिर भी नही मान रहा इंसान

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