राहुल गांधी आर्थिक मंदी का दुष्प्रभाव अब देश के सबसे प्रतिष्ठित IIT जैसे शीर्ष संस्थान भी झेल रहे हैं।

आर्थिक मंदी का दुष्प्रभाव अब देश के सबसे प्रतिष्ठित IIT जैसे शीर्ष संस्थान भी झेल रहे हैं।

IIT में लगातार हो रहे प्लेसमेंट के पतन और annual package में गिरावट, बेरोज़गारी का चरम झेल रहे युवाओं की स्थिति में और गहरा आघात कर रहे हैं। 2022 में 19% छात्रों को campus placement नहीं मिल सका और इस वर्ष वही दर बढ़कर दुगना, यानी 38% हो गया।

जब देश के सबसे प्रसिद्ध एवं सम्मानित शिक्षा संस्थानों का यह हाल है तो बाकी संस्थानों की क्या दुर्गति होगी!

आज युवा बेरोज़गारी से पूरी तरह टूट चुका है – प्रोफेशनल शिक्षा पाने में माता-पिता लाखों खर्च कर रहे हैं, विद्यार्थी ऊंचे interest rates पर loan ले कर पढ़ने पर मजबूर हैं। फिर नौकरी न मिलना, या साधारण आमदनी उनकी आर्थिक स्थिति में गिरावट ही पैदा कर रही है।

यह भाजपा की शिक्षा विरोधी नीयत का ही नतीजा है जो इस देश के मेधावी युवाओं का भविष्य अधर में है।

क्या मोदी सरकार के पास भारत के मेहनती युवाओं को इस संकट से मुक्ति दिलाने की कोई योजना भी है?

विपक्ष अपनी पूरी शक्ति से युवाओं की आवाज निरंतर उठाता रहेगा, इस अन्याय पर सरकार को जवाबदेह बनाकर रहेगा।

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