




नईम खान प्रधान संपादक
प्राचीन ऋषि महर्षि संतो की तपोस्थली
श्री केरवाना धाम का पौराणिक महत्व विशेषताएं एवं लाभ
(1)स्थान का पौराणिक महत्व
श्री केरवना धाम आध्यात्मिक ऊर्जा से दिव्य तपोस्थल है यहां पूर्वकाल में श्री केरवन्य
नाम के किसी ऋषि निवास करते थे जो केले का ही आहार ग्रहण किया करते थे ऋषि जी विशेष पर्व पुण्यकाल में स्नान हेतु नर्मदा जी आया करते थे ऋषि जी जब वायोवृद्ध हो गए तब अंतिम बार नर्मदा जी पहुंचे एवं करुणामय भाव से विनम्र प्राथना करने लगे मां नर्मदा जी साकार विग्रह रूप में प्रकट हुई ऋषि दिव्य दर्शन पाकर धन्य हुए प्राथना कर बोले मां में आपको इसी दिव्य स्वरूप का नित्य दर्शन करता रहूं यही मेरी इच्छा है नर्मदा जी ऋषि की वाणी को सुनकर बोली तथास्तु ठीक है कल प्रात में आपके स्थान पर जल रूप में प्रकट हो जाऊंगी ऐसा वरदान आशीर्वाद देकर मां नर्मदा अंतर्ध्यान भी गई तब ऋषि पुनः वापिस केरवना आ गए दूसरे दिन मां नर्मदा जी करवना धाम पर जल रूप में प्रकट हुई जहां में वर्तमान में प्राकट्य उदगम जल कुंड विद्यमान हैं और नित्य निरंतर अखंड जल के रूप में प्रवाहित हो रही हैं
(2) स्थान की प्राकृतिक विशेषताएं
1 उदगम जल कुंड से समीप जोर से ध्वनि
उच्चारण नर्मदे हर हर बोलने से कुंड के अंदर के तीव्र गति से बुलबुले निकलने लगते हैं
2 गर्मी के मौसम में उद्गम जल कुंड जल से पूर्ण भर जाता है जबकि धरती पर कितने भी जल कुंड झरने नदियां हैं सब गर्मी में सुखने लगते हैं यानी जल स्तर कम हो जाता है परन्तु यहां कुंड का जल स्तर बढ़ता है
3 वर्षा काल में उद्गम जल कुंड में जल बहुत कम हो जाता है जबकि धरती पर सभी कुंड झरने नदिया बारिश के पानी से भर जाते हैं
4 स्थान एवं प्रवाहित जल से भौतिक एवं आध्यात्मिक लाभ
प्रवाहित जल में कई प्रकार की जड़ी बूटियां होने के कारण जल पीने एवं स्नान करने से अनेकों शारीरिक एवं मानसिक कासन से राहत मिलती है त्वचा रोग हार्ट डायबिटीज के रोगी इस जल का अधिक समय तक जलपान करें तो उन्हें लाभ मिलता है तथा यहां विद्यमान गुप्त शक्तियों के आशीर्वाद एवं ऋषि संतों की साधना दिव्य ऊर्जा व कृपा से विभिन्न बांधव से पीड़ित रोगी ठीक हो जाते हैं एवं आध्यात्मिक साधकों को एकाग्रता शांति साधना में शीघ्र सफलता अर्जित होती है
5 सिद्ध स्नान के मुख्य दर्शनीय स्थल
1 श्री नर्मदा जी का प्राकृतिक उद्गम जलकुंड
2 श्री सिद्ध महाराज खेरवानी ऋषि का बैठक साधना स्थल
3 पहाड़ी के ऊपर सूर्य गांव का कोंडा जो अब खरीद अवशेष है
4 श्री शिव शक्ति धाम मंदिर में ब्राजील मूर्ति एक शिव परिवार दो पारंबा भगवती दुर्गा जी तीन भगवान श्री हरे विष्णु प्रभु
5 श्री सूर्यमुखी हनुमान जी
6 स्थल संस्थापक परम पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी श्री धर्मानंद दादा जी का समाधि स्थल
7 सप्त वटी बढ़ पीपल बिल पी पत्र शमी पत्र तुलसी गूलर आकओं इनके परिक्रमा दर्शन एवं समीप बैठकर भजन करने से अनंत पुण्य फल की प्राप्ति एवं प्रायश्चित होता है
8 स्थानीय संत परिचय पूर्व कल से ही पांच 10 नाम जूना अखाड़ा बनारस से संतों का साधना हेतु श्री करवा धाम पर निवास रहा है
लगभग सन 1950 से परम पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी श्री धर्मानंद दादा जी का आगमन हुआ और 208 2003 को निर्माण मोक्ष प्राप्त हुआ
वर्तमान में संत श्री ओम प्रकाश जी महेंद्र विगत सन 1983 से निवास कर आश्रम परंपरा का निर्वहन करते हुए मंदिर आश्रम का जीव उधर तथा विकास कार्य करते हुए संचालन करते हैं
स्थान महेंद्र संत ओम प्रकाश महेंद्र जी केरवना धाम
ये रायसेन जिला सुल्तानपुर जोड़ से लगभग 20 किमी दूरी रातापानी अभ्यारण जैतपुर साजोली क्षेत्र मनमंडल औबेदुल्लागंज बिनेका रेंज के अंतर्गत आता हैं जो अब टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाएगा