
संवाददाता प्रकाश दुबे



मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल कहते हे मेरे क्षेत्र में अवैध कार्य अवैध रेत डंफर नहीं चलने दूंगा
मंत्री जी की छबि को दुमिल करते उनके परिवार के लोग
मंत्री के जीजा भाजपा मंडल अध्यक्ष के भांजे की युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष की रेत से भरी परिवहन करती ट्रैक्टर ट्राली माइनिंग अधिकारी ने पकड़ी
सुल्तानपुर
रेत परिवहन करती ट्रैक्टर ट्राली माइनिंग अधिकारी ने पकड़ी थाने लाकर करवाई खड़ी
फिर शुरू हुई नेता गिरी अधिकारी पर दबाव बनाकर छुड़वाई ट्रैक्टर ट्राली
मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल जीजा भाजपा जिला मंडल अध्यक्ष के भानेज युवा मोर्चा मंडल की थी रेत से भरी ट्रेकर ट्राली
माइनिंग अधिकारी अर्चना ताम्रकार से पत्रकार ने जब फोन इस संबंध में पर चर्चा की तो
उन्होंने बताया कुछ मिस अंडरस्टेंडिंग हो गई थी इस लिए पकड़ की थी उनके पास रॉयल्टी थी इस लिए छोड़ दी
अब सवाल ये खड़ा होता हे क्या कृषि यंत्र खेती पर काम करने के लिए होते हैं या रोड पर बिजनेस करने के लिए होते है इनका परमिट रोड टैक्स बीमा फिटनेस रोड पर कार्य बिजनेस करने के लिए इन्हें दिया जाता है अगर ऐसा नहीं हे तो रेत परिवहन करने की रॉयल्टी कैसे दी जाती हैं
वही जब इसकी रॉयल्टी थी तो माइनिंग अधिकारी को वही तत्काल रॉयल्टी चैक कर जाने देना था लेकिन थाने में लाकर खड़ा कर काफी देर तक जांच पड़ता चलती रही
उसके बाद जब भाजपा के नेता भीड़ के साथ थाने पहुंचे तो मेडम ने तत्काल ट्रैक्टर ट्राली को जाने दिया तो कही न कही अधिकारी की कार्यवाही शक के घेरे में देखी जा सकती हैं
वही सुल्तानपुर थाने में ही एक युवक से माइनिंग विभाग के पुलिस स्टॉप के द्वारा पैसे लेते हुए देखा गया ये माइनिंग पुलिस कर्मी थाने में कुछ काम के पैसे ले रहा हे इसका जानकारी नहीं ये जांच का विषय हैं
मिसअंडरस्टैंडिंग
जानकारी के तहत माइनिंग द्वारा पकड़ी गई ट्रैक्टर ट्रॉली अवैध उत्खनन रेत माफियाओं की जो थाने लाई गई और फिर मिस अंडरस्टैंडिंग बताते हुए छोड़ दी गई
यदि ऐसा था तो रॉयल्टी स्पॉट पर क्यों नहीं चेक की गई और ट्रैक्टर ट्राली को थाने ही क्यों लाया गया जबकि ट्रैक्टर ट्राली में अवैध रेट जिसकी कोई रॉयल्टी नहीं होती टोकन के द्वारा चलाई जाती है और वह भी सीमा के दायरे में सीमा से बाहर नहीं और कृषि यंत्र जो किसी के कार्य करने वाला ट्रैक्टर ट्रॉली की रॉयल्टी कैसे माने होगी ट्रैक्टर में व्यवसाय पीली पट्टी युक्त नंबर होना चाहिए वह भी नहीं इस कार्यवाही को क्या नाम दिया जाए समझ से परे है
विधानसभा चुनाव पूर्व मध्य प्रदेश शासन द्वारा हैदराबाद की कंपनी पावर मेक द्वारा मध्य प्रदेश के 25 जिलों की रेट खदानो का ठेका लिया गया है| जिसमें सरकार से अनुबंध है नर्मदा तबा सहित विभिन्न नदियों में रेत परिवहन हेतु | केवल डंपरों की रॉयल्टी दी गई है इसके अलावा किसी भी बहन को रॉयल्टी नहीं दी गई जबकि मध्य प्रदेश में रेत खदानों पर अबैध ट्रालियों से रेत डोई जा रही है | जिसमें स्थानीय रेत माफिया यह कार्य कर रहे हैं कई राजनेता और राजनीतिक संरक्षण में रेत का अवैध कार्य चल रहा है चौकाने वाली बात यह है की कई जिले के मीनिंग अधिकारियों को नियम कायदे कानून तक का नॉलेज नहीं है