





स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर पटवारी की मिली भगत और अधिकारियों की सह पर गोहरगंज तहसील के समनापुर कला गांव में लगभग 50 एकड़ से ऊपर जमीन दलालों ने कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर बेंच दी जबकि जमीन मालिक को पता ही नहीं कि उसकी जमीन बिक गई। दलालों ने अधिकारियों से मिली भगत करके यह जमीन बेची है जब यह मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो गोहरगंज एसडीएम चंद्रशेखर श्रीवास्तव से इस मामले की जानकारी दी तो उन्होंने खुद माना कि मामला संदिग्ध प्रतीत होता है और हम इसमें जांच कर कार्यवाही अवश्य करेंगे। जांच शुरू भी हुई परंतु शायद प्रशासन किसी न किसी के दबाव में आकर इस जालशाजी की सही जांच करने में असफल हो रहा है।

अभी हाल ही में समनापुर कला गांव में इसी परिवार की कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर खसरा नंबर 151 एवं 177/1 जमीन को बेच दिया गया। किसी काम वाली बाई अन्य महिला को जमीन मालिक बनाकर जमीन विक्रय की गई है सूत्रों की माने तो पहचान पत्रों में फोटो लगाकर असली मालकिन बनाया गया है और sbi और सेंट्रल बैंक में भी फर्जी दस्ता वेज लगाकर उनके खाते खुलवा दिए और लाखों की राशि निकली है इसके सभी दस्तावेज मीडिया के पास उपलब्ध हो चुके हैं ये दस्तावेज गोहरगंज एसडीएम को भी दिए गए हैं वहीं पर दलालों ने खुद स्वीकार किया है कि हां उन्होंने जमीन बेची है सूत्रों की मानें तो मंदबुद्धि व्यक्ति को कुछ दलाल भी अपने पास रखकर इसका फायदा उठा रहे हैं वहीं हल्का पटवारी की मिली भगत आई सामने दलाल ने खुद कुबूल पटवारी हमारा आदमी है उससे इनकी लिंक जुड़ी हुई हे अब सवाल ये उठता हे पटवारी तंखा शासन से लेता है और 420 सी के काम इनके लिए करता है वही इस पटवारी पर 376 का आरोप भी एक महिला द्वारा लगाया गया था जिसकी शिकायत थाने तक इन दलालों ने नहीं पहुंचने दी 2 लाख रूपये में तोड़ करवाकर इन दलालों ने मामले को राफ दफा करवा दिया था जिसमें दलालों ने खुद ये बात अपने मुंह से कुबूल की है जिसका वीडियो मीडिया के पास है और उनके पूरे प्रूफ मीडिया के पास उपलब्ध है।
वहीं ये हल्का पटवारी गंगाराम पिछले 10 वर्षों से अधिक इसी तहसील में पदस्त हैं गंगा राम पटवारी का ट्रांसफर भी यहां से नहीं किया गया हैं जबकि शासन के नियम अनुसार कोई भी शासकीय कर्मचारी तीन वर्ष से ज्यादा एक ही स्थान पर नहीं रुक पाता हे लेकिन ये रसूखदार पटवारी या यू कहे के ऐसे कमाऊ पूत निछावर खोर पटवारी ही इस तहसील को चाहिए कितने भी भ्रष्टाचार करें जमीनों में हेर फेर करें लेकिन रहेंगे तो इसी तहसील हल्का में जब जब पत्रकारों ने इस हल्का पटवारी से इस धोखा धडी कर जमीन दलालों द्वारा बेचने की जानकारी मांगी तो पटवारी का कहना था में इस मामले में कुछ नहीं कह सकता सारा काम रजिस्टार के यहां से किया जाता है और अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन साहब रजिस्ट्री होने से पहले सारे दस्ता वेज एकृत कर पटवारी ही फाइल बना कर देता है और और जांच करता हे ये कागजात असली है या नहीं ये जमीन का मालिक हे या नहीं पटवारी को सारी जानकारी होती है लेकिन इस गंगाराम पटवारी ने फर्जी आधारकार्ड दस्ता वेज के आधार पर दलालों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री और पवार ऑफ अटॉर्नी करवादी और निछावर लेली अब देखना ये होगा कि ऐसे भ्रष्ट पटवारी पर वरिष्ठ अधिकारी संज्ञान लेकर कार्यवाही करते हैं और ऐसे ऐसे दलालों को सलाखों के पीछे कब तक भेजते है या फिर निछावर का खेल आगे भी ऐसे ही चलता रहेगा ऐसे ही मंदबुद्धि गरीबों की भूमि दलालों के हाथ बिकती रहेगी
मिली जानकारी के मुताबिक भूमि स्वामी चारों बहन भाई ने अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं दिए हुए बयानों के आधार पर कार्यवाही होती हैं तो ऐसे दलाल बहुत जल्द सलाखों के पीछे होंगे
अगर प्रशासन सही से इस मामले की जांच करें तो करोड़ों की जालसाजी का खुलासा होना निश्चित है


दलाल घूम रहे 20 से 25लाख की कार से बढ़िया ठाठ बाट से
और करोड़ों की जमीन का मालिक घूम रहा साइकल से एक वक्त की रोटी के लिए ढाबे पे धो रहा बर्तन भर रहा अपना पेट

(जब हमारी इस संबंध में भूमि स्वामी अशफाक खा से बात हुई तो उनका कहना हैं हमने कोई जमीन नहीं बेची मेरी बहन ने तो एक एकड़ जमीन बेची थी बाकी किसी भाई बहन की जमीन नहीं बेची सब जलील खा कर रहे है उन्होंने बेची होंगी और मुझे सुनने में आ रहा है 34 मिल के पास मेरी 22 एकड़ जमीन हैं उसको भी शायद बेच दिया है उसमें भी कुछ हेर फेर किया है)
उच्चतर से हो इस धोखा धडी की जांच गौहरगंज तहसील के अधिकारी के साथ रायसेन या भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी अगर करें इस मामले को जांच तो होंगे बड़े खुलासे कई दिग्गजों के नाम आएंगे सामने धोखा धडी कर जमीन बेचने को ऊपर होगी बड़ी कार्यवाही