
लाठी-डण्डे से मारपीट करने वाले आरोपीगणों को 06-06 माह की सजा
माननीय न्यायालय- श्रीमान अतुल यादव, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला रायसेन द्वारा आरोपीगण 1. सुरेश लोधी पिता श्री मिश्रीलाल लोधी, उम्र 55 वर्ष, 2. मुकेश लोधी पिता श्री सुरेश लोधी, उम्र 31 वर्ष, 3. मीनाबाई पत्नी मुकेश लोधी, उम्र 29 वर्ष, सभी निवासी- ग्राम केमखेड़ी जिला रायसेन को भा.द.सं. की धारा 323(3 शीर्ष) के अंतर्गत 03-03 माह का सश्रम कारावस, धारा 325 सहपठित धारा 34 भादसं. में 06-06 माह का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
इस प्रकरण में राज्य की ओर से श्रीमती शारदा शाक्य, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला रायसेन द्वारा पैरवी की गई।
प्रकरण का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि, फरियादी जियाबाई ने चौकी सलामतपुर में इस आशय की देहाती नालसी लेख करायी कि, वह ग्राम केमखेड़ी में रहती है, किसानी तथा घरू काम करती है। उसके पति 3 भाई है, तीन भाई कन्हैया, मुकेश, सुरेश बड़े है तथा उसका पति छोटा है। सभी भाई बटवारा कर अलग-अलग रहते हैं। 6 एकड़ सौंझ की जमीन है, बड़े जेठ उनके 2 एकड़ खेत की बोनी पहले से कर रहे हैं। 20-25 रोज पहले मुकेश आदि ने शेष बची 4 एकड़ जमीन बखरवाये थे, रिपोट लिखवाई, तभी से सुरेश, मुकेश का उन लोगों से विवाद चल रहा था। घटना दिनांक 04.07.2018 की सुबह गांव कोटवार सांची कोर्ट का नोटिस उसे तथा मुकेश के घर दिया तो इसी बात पर से मुकेश उसे मां-बहन की गंदी-गंदी गालियां देने लगा। उसने मुकेश को गाली देने से मना किया तो सुरेश लठ्ठ लेकर दौड़ा और उसे लठ्ठ मारा। उसके बांये हाथ की कलाई में चोट लगी। वह चिल्ला या तो उसके लड़के राकेश, बिज्जू, नीलेश बचाने दौड़े तो मीनाबाई ने सुरेश को दूसरा लठ्ठ लाकर दिया, उसमें लोहानी लगी थी, उसी लठ्ठ से सुरेश ने राकेश को सिर में मार दिया, जिससे राकेश के सिर से खून निकलने लगा। मुकेश की औरत मीना ने नीलेश को पकड़ा एवं मुकेश ने लठ्ठ मारा जिससे उसके बांये हाथ में चोट लग गयी। फरियादी द्वारा की गयी उक्त देहाती नालसी को चौकी पर 0 पर अपराध कायम किया गया, जिसके आधार पर अभियुक्फगण के विरूद्ध थाना सलामतपुर में अपराध क्रमांक 0168/2018 में धारा 294, 323, 506, 34 भादसं. के अंतर्गत प्रथम सूचना लेखबद्ध की गयी।
फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर से पुलिस थाना सांची में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गयी एवं प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना एवं आवश्यक अनुसंधान उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र मान0 न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मान. न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध पाये जाने पर आरोपीगणों को 06-06 माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।