टीकमगढ़ रिपोर्टर प्रशांत
नेत्र विभाग में विशेष फंडस कैमरा द्वारा आर.ओ.पी. जाँच से जन्म के तुरंत बाद के अंधेपन की पहचान करने की सुविधा
जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ के नेत्र विभाग में समय से पहले एवं कम वजन के जन्मे बच्चे जिनको नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती करना पड़ता है, और ऑक्सीजन सपोर्ट पर लंबे समय तक रखना पड़ता है जिससे बच्चो की आंख के पर्दे में खराबी (आ.ओ. पी.) आने लगती है यदि समय रहते जांच व उपचार नही कराया गया तो ऐसे बच्चें अंधे हो जाते है। ऐसे कुल 35 बच्चों की विशेष फंडस कैमरा के द्वारा आंख के पर्दे की जांच की गई जिनमें से 08 बच्चों की आंख में खराबी पाई गई जिन्हें उच्च संस्था में उपचार हेतु रेफर किया गया। जांच किये गये बच्चों में सबसे कम वजन 800 ग्राम तक के बच्चे की भी जाँच की गई। जांच में डॉ लतिका खरे नेत्र विशेषज्ञ, श्री उमेश जैन, श्री कमलेश गंगेले, श्री अंकुश सोनी नेत्र चिकित्सा सहायक की अहम भूमिका रही है।
जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में माह दिसम्बर 2024 तक राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 510 हितग्राहियों के मोतियाबिंद ऑपरेशन कर निःशुल्क लेंस प्रत्योरोपण किये गए, जिनमे से चयनित 21 हितग्राहियों के ऑपरेशन फेको पद्धति से किये गए है। कुल हितग्राहियों में से 62 हितग्राहियों को आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत लाभान्वित किया गया है। उपरोक्त मोतियाबिंद ऑपरेशन डॉ लतिका खरे नेत्र विशेषज्ञ , डॉ ओ. पी. अनुरागी नेत्र विशेषज्ञ , श्री उमेश जैन, श्री कमलेश गंगेले नेत्र चिकित्सक सहायक द्वारा किये गए