

सुल्तानुर नगर के अंतर्गत विद्युत विभाग में नियुक्त किए गए मीटर वाचक जो कि घरों घर जाकर विद्युत उपभोक्ताओं के मीटर की रीडिंग का लेखन वाचन और प्रेषण करते हैं लेकिन उक्त लेखन कार्य में जिस तरह से लापरवाही बढ़ती जा रही है वह आम उपभोक्ता की जेब पर भारी पड़ रही है।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर कैसी लापरवाही तो पहले आप ध्यान दीजिए अगर आपके मीटर की रीडिंग 1 तारीख से 5 तारीख के बीच में होती है और अगले महीने अगर वह मीटर रीडर 1 तारीख से 5 तारीख के बीच ना आकर 10 या 15 दिवस देर से मीटर रीडिंग करने आता है तो आपके जो मासिक खपत है वह अधिक रीडिंग जाएगी क्योंकि 100 यूनिट 200 यूनिट और 300 यूनिट 400 यूनिट इस आधार पर बिल जारी होता है।
अगर आपका 100 यूनिट से अधिक होता है तो उसके चार्ज अलग होते हैं 200 यूनिट या उससे अधिक होता है तो उसके चार्ज अलग होते हैं इस तरह से 10 से 15 दिन में आपकी रीडिंग अधिक हो जाती है और आपको औसत से अधिक पैसा चुकाना पड़ता है।
विभाग में बैठे जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी भी मीटर रीडर की इस अनियमितता पर ध्यान नहीं देते क्योंकि कहीं ना कहीं विद्युत वितरण कंपनी को अतिरिक्त लाभ इस तरह से ही पहुंचा जाता है।
साथ ही जिनके साथ मीटर रीडिंग की अच्छी पटरी बैठती है या चायपान नास्ता और कुछ नगद नारायण मिलता है उन उपभोक्ताओं को वह लाभ भी दिलवा देते हैं और उनकी रीडिंग कम अंकित करते हैं यह गोरखधंधा बड़े स्तर पर चल रहा है।

मीटर रीडर किस तरह से कार्य कर रहा है इसकी देखरेख करने वाला विभाग में कोई नहीं है यहां उपभोक्ताओं को ठगने का यह नया-नायाब तरीका विद्युत विभाग ने निकाला हुआ है ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्स कर्मी कल्चर के कारण सीधे उपभोक्ता की जेब पर इस तरह से डाका डाला जा रहा है।
अब देखा जायेगा की किस तरह से जिम्मेदार ध्यान देंगे।
कोई ध्यान दे या न दे आप जागरूक उपभोक्ता बना मीटर और वाचक पर नजर रखे।