केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी का बयान।



केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी बुधवार को पहुंचे और कलेक्ट्रेट में नीति आयोग की योजनाओं के क्रियान्वयन व आकांक्षी जिले के विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। कृषि राज्यमंत्री ने पत्रकारों से मुखातिब हुए डीएपी संकट पर भी खुलकर बात की और डीएपी संकट के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही किसानों से अपील की है कि वे उर्वरक के भरोसे फसल की पैदावार बढ़ाने की बजाए जैविक खेती पर ज्यादा ध्यान दें।
केंद्रीय कृषि मंत्री भागीरथ चौधरी ने देशभर में डीएपी के लिए मच रहे हाहाकार पर केंद्र सरकार की गलती या लापरवाही मानने से पूरी तरह इंकार कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से विदेशों से आने वाली डीएपी को भारत पहुंचने में पहले से तीन गुना ज्यादा वक्त लग रहा है। इसलिए किसानों को थोड़ी परेशानी हो रही है। चौधरी ने आशंका जताई कि भारत में खाद की कमी की एक वजह विदेशी साजिश भी हो सकती है। चौधरी के मुताबिक पहले खाद की खेप लगभग 15 दिनों में आ जाती थी, लेकिन इस बार 45 से ज्यादा दिनों में डीएपी भारत आ रही है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए भारी भरकम राशि खर्च कर रही है। लगभग 15 लाख करोड़ रुपए खेती-किसानी से संबंधी कार्यों के लिए अलग-अलग प्रकार की सब्सिडी पर खर्च किए जा रहे हैं। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने देशभर के किसानों से कहा है कि वे अंधाधुंध तरीके से डीएपी का इस्तेमाल करने की बजाए खेत की मिट्टी की जांच कराएं और जैविक खेती करें, ताकि भूमि की उपजाऊ क्षमता को प्रभावित होने से रोका जा सके। इससे पहले चौधरी ने कलेक्ट्रेट में नीति आयोग की आकांक्षी योजना में शामिल गुना जिले में शिक्षा, चिकित्सा और कृषि क्षेत्रों में विकास की संभावनाओं पर बातचीत की और नीति आयोग की मंशा के मुताबिक कितने काम हुए हैं, इसपर भी उनके द्वारा विस्तार से समीक्षा की गई।