


मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां 14 साल के बच्चे को घड़ी चोरी के आरोप में अमानवीयता की हदें पार कर उल्टा लटकाकर डंडों से पीटा गया और मिर्च की धुनी दी गई। इस निर्मम प्रताड़ना के दौरान बच्चा लगातार छोड़ देने की गुहार लगाता रहा, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि हमारी संवेदनाओं को भी झकझोर देती है। ऐसे बर्बर कृत्यों पर रोक लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और बच्चा इस प्रकार की यातना का शिकार न बने।
मध्य प्रदेश में वंचित तबकों के लोगों के प्रति अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। आए दिन दलितों, आदिवासियों और कमजोर वर्गों के लोगों के साथ बर्बरता की खबरें सामने आ रही हैं, जो न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि समाज की संवेदनहीनता को भी उजागर करता है। ऐसी घटनाएं हमारे तंत्र की कमजोरियों को दिखाती हैं और यह स्पष्ट करती हैं कि कमजोर तबकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। सरकार और प्रशासन को इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि समाज में समानता और न्याय की भावना मजबूत हो सके।