आंगनबाडियों के पोषण आहार से पोष्टिक तत्व गायब अधिकारियों ने दिया जांच का आश्वासन
देवरी नगर की 16 आंगनबाड़ियों में मासूमों के निवालों पर लगा भृष्टाचार का ग्रहण
केन्द्रों में नही पहुँचते बच्चे और गर्भवती महिलाए फिर भी तैयार होते है फर्जी बिल



(देवरीकलाँ) शून्य से छह वर्ष तक आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओ और किशोरी बच्चियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए शासन द्वारा आंगबाड़ियों में संचालित की पोषण आहार एवं पूरक पोषण आहार योजना भोजन निर्माण समूह विभागीय सांठगांठ से भृष्टाचार का शिकार बन चुकी है। योजना संचालन के लिए निर्धारित किये गये सभी नियमों उप नियमों एवं तय मापदंडों को धता बताकर मासूमों को गुणवत्ताहीन आहार वितरित किया जा रहा है। मामले में स्थानीय अधिकारियों की कर्तव्यविमूढ़ता के चलते मीडियाकर्मियों की पहल पर जिला अधिकारी द्वारा जांच एवं कार्रवाई की बात की जा रही है।
ताजा मामला देवरी नगर में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों से जुड़ा हुआ है जहा पोषण आहार से जुड़े समूह द्वारा विशेष दिवस मंगलवार को नन्हे मुन्ने बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोष्टिक भोजन के नाम पर पानी युक्त सब्जी एवं बेस्वाद खीर का वितरण किया जा रहा था। पत्रकारों द्वारा उक्त संबंध में आंगनबाड़ी कर्मियों और महिलाओं से जानकारी ली गई तो व्यवस्था में बड़े भृष्टाचार का सच
सामने आया।
समूह कर रहे मनमानी अधिकारियों की चुप्पी
आंगनबाड़ी के कर्मी एवं योजना की हितग्राही महिलाओं ने बताया कि ठेका समूहों द्वारा पोषण आहार प्रदाय में जमकर मनमानी की जा रही है। कभी सुबह का नास्ता प्रदाय किया जाता है कभी नही दिया जाता है। विशेष दिवस मंगलवार को खीर पुड़ी एवं सोयाबड़ी या छोला युक्त पोषक सब्जी का प्रावधान है परंतु समूह द्वारा पानी युक्त सब्जी प्रदाय की गई है। आंगनबाड़ी कर्मियों ने बताया कि विशेष अहार दिवस में ठेका समूह द्वारा सुबह का नास्ता प्रदाय नही किया जाता है। इसी प्रकार पोषण आहार प्रदाय करने का कोई समय निर्धारित नही है। अक्सर बिलंब से आने के कारण छोटे छोटे बच्चे घर चले जाते है।
केन्द्रों में नही पहुँच रहे बच्चे फिर भी भारी भुगतान
परियोजना देवरी अंतर्गत देवरी नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार महज कागजी खानापूर्ती बना हुआ है। अव्यवस्था एवं निगरानी के आभाव के चलते अधिकांश केन्द्रों में बमुश्किल एक दर्जन बच्चे ही पहुँचते है साथ ही गर्भवती माताओं की संख्या भी नगण्य बनी रहती है। विगत मंगलवार को देवरी नगर के पृथ्वी वार्ड, पटेल वार्ड, झुनकू वार्ड, तिलक वार्ड, जबाहर वार्ड केन्द्रों में उपस्थिति बहुत कम देखी गई। कुछ केन्द्रों में तो आंकड़ा आधा दर्जन को पार नही कर पाया इसके बाद भी विभाग द्वारा प्रतिमाह बड़ी संख्या उपस्थिति बताकर समूहों को भुगतान किया जाना जांच का विषय है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक कोराना काल के दौरान भी विभाग द्वारा समूहों को मनमाफिक बिलों का भुगतान किया गया था।
दो समूहों के जिम्मे नगर के 16 केन्द्र
देवरी नगर में विभाग 16 केन्द्र संचालित है जिनमें लंबे समय से 2 व्यक्तियों द्वारा पोषण आहार की आपूर्ति की जा रही है जो अधिकारियों पर सत्तारूढ़ राजनैतिक दल के नेता के रूप में रोब गाफिल करते है। जिसके चलते विभागीय अधिकारी न तो आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करते है न ही पोषण आहार संबंधी शिकायतों पर कोई कार्रवाई करते है। जिसके चलते मासूमों के पोष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की सरकारी योजना को भृष्टाचार का ग्रहण लग चुका है।
जिला अधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
मामले को लेकर जिला परियोजना अधिकारी ब्रजेश त्रिपाठी का कहना है कि गड़बड़ी की जानकारी प्राप्त होने के बाद तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए प्रभारी परियोजना अधिकारी को हटाया गया है उनके स्थान पर नये प्रभारी अधिकारी कार्य करेंगी। मामले में संबंधित समूह को नोटिस जारी किया गया है, उनकी कटौती भी जाएगी।