सरपंच पति और सचिव ने गरीबों के हख पे डाला डाका मजदूरों के बिना फोटो के लगाए फर्जी जाब कार्ड और मशीनों से किए गए कार्य राशि का हरण कर हड़पे लाखो रुपए

सरपंच पति और सचिव ने गरीबों के हख पे डाला डाका मजदूरों के बिना फोटो के लगाए फर्जी जाब कार्ड और मशीनों से किए गए कार्य राशि का हरण कर हड़पे लाखो

रामचरण मैथिल संवाददाता

ओबेदुल्लागंज ब्लाक जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत की खपड़िया खापा में गरीब परिवार के लोगों को मजदूरी देने के नाम पर लाखो रुपए का गबन उजागर हुआ है जहां मजदूरों ने मजदूरी की ही नहीं पोकलैंड मशीन ट्रैक्टर ट्राली डंफरो से किया गया पूरा अमृत सरोवर तालाब का निर्माण और बिना फोटू के फर्जी जाब कार्ड फर्जी मस्टरोल जारी कर किया लाखो रुपए का गबन और इतना बड़ा भ्रष्टाचार सरपंच पति महेंद्र चौकसे और सचिव की मिली भगत से है संभव हो पाया हैं
आई ये हम आपको इस भ्रष्टाचार की पूरी गाथा बताते हैं

मामला है ग्राम पंचायत खापा खपड़िया का जहां ग्राम जैतपुर में नरेगा के तहत अमृत सरोवर तालाब का निर्माण किया गया जिसको सकलपोंड भी कहा जाता हैं इस तालाब के निर्माण में सरपंच पति महेंद्र चौकसे और पूर्व सचिव रामेश्वर राजपूत द्वारा ग्रामीणों के फर्जी जाब कार्ड लगाकर मास्टरॉल लगाकर लाखो रुपए का गबन किया गया हैं जब के नरेगा के तहत मजदूरों को मजदूरी देने के लिए ये योजना है लेकिन सरपंच पति और सहायक सचिव ने मशीनों से पूरे तालाब का निर्माण करवाकर लाखो रुपए का भ्रष्टाचार किया हैं जब की यह ग्राम जैतपुर रातापानी अभ्यारण में आता हैं यहां से बिना अनुमति के एक पत्ता भी नहीं उठाया जा सकता लेकिन दबंग सरपंच पति और सचिव ने इस अभ्यारण के ग्राम जेतपुर में जंगल में पहाड़ी के समीप पोकलैंड मशीनों से ट्रैकर ट्राली डंफरो से तालाब का पूर्ण निर्माण करवा दिया जब के अभ्यारण में किसी भी कार्य के लिए केंद्र सरकार से परमिशन होती हैं लेकिन सरपंच पति और सचिव की दबंगाई से वन मंडल ओबेदुल्लागंज के बिना परमिशन तालाब निर्माण कर लाखो का गबन कर मजदूरों की मजदूरी राशि हड़प ली इस मानसरोवर तालाब में एक भी मजदूर ने मजदूरी नहीं की और कई ग्रामीणों के मजदूरी जॉब कार्ड बिना फोटू लगाए फर्जी बाड़ा कर लाखो की राशि का हरण किया गया इस तालाब निर्माण में आप देखे मशीनों से कार्य किया गया है या मजदूरों से इसके निर्माण के उदाहरण आपके सामने हैं तालाब निर्माण में हुए भ्रष्टाचार में लिप्त सरपंच पति पर एफ आई आर कर राशि वसूली जानी चाहिए और सचिव पर की सेवा समाप्त कर रिकवरी की जानी चाहिए और महिला सरपंच को भी पद मुक्त होना चाहिए जिस तरह सरपंच पति ने महिला सरपंच पद का दुरुपयोग कर लाखो का गबन किया हैं इस तालाब निर्माण में एक तरफ नया निर्माण दर्शाकर रही निकली है तो वही तलब मरम्मत के नाम से भी मजदूरी कार्ड लगाकर राशि गबन की गई जब के पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक आदेश जारी किया था के सरपंच महिला पति कार्य नहीं देखेंगे ऐसा करते पाया जाता हैं तो महिला पति पर सख्त कार्यवाही की जाएगी और महिला सरपंच को पद मुक्त किया जाएगा ये सब जानने के बाद भी सरपंच पति ने शिवराज सिंह चौहान के आदेश की धज्जियां उड़ाकर गरीबों के हख पर डाका डाल लाखो का गबन किया हैं अगर इस ग्राम पंचायत में हुए कार्यों की जांच की जाए तो लाखो के गबन सामने आएंगे

अब हम हापको बताते हे नरेगा क्या है बोर मशीनों से कम क्यों नहीं किए जा सकते इस उद्देश्य करिबो को रोजगार देना

भारत में अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त नहीं होता है, इसलिए ग्रामीण जनसख्यां रोजगार के लिए शहर की ओर पलायन कर रही है, केंद्र सरकार ने इस पलायन को रोकने के लिए लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार प्रदान करने का निर्णय लिया है | यह मनरेगा योजना के माध्यम से ही सम्भव हो पाया है | मनरेगा योजना क्या है इसके लाभ, कार्य, मजदूरी आदि विभिन्न पहलुओं के बारे में यहाँ विस्तार से बताया जा रहा है |

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे 2 अक्टूबर 2005 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया। यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है जो प्रतिदिन 220 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-सम्बंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए तैयार हैं। 2010-11 वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए केंद्र सरकार का परिव्यय 40,100 करोड़ रुपए था।

इस अधिनियम को ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, मुख्य रूप से ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों के लिए अर्ध-कौशलपूर्ण या बिना कौशलपूर्ण कार्य, चाहे वे गरीबी रेखा से नीचे हों या ना हों। नियत कार्य बल का करीब एक तिहाई महिलाओं से निर्मित है। शुरू में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनिbयम (NREGA) कहा जाता था, लेकिन 2 अक्टूबर 2009 को इसका पुनः नामकरण किया गया।

मनरेगा योजना क्या है ?

यह केंद्र सरकार के द्वारा चलायी गयी प्रमुख योजना है, इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्राम का विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार प्रदान करना है, इस योजना के द्वारा ग्राम को शहर के अनुसार सुख-सुविधा प्रदान करना है, जिससे ग्रामीणों का पलायन रुक सके |

हमने आपको इस योजना के बारे में भी समझा दिया और योजना में हुए भ्रष्टाचार के बारे में भी बता दिया अब देखना ये होगा जिन्होंने गरीबों के हख पे डाका डाला है लाखो रुपए का हरण किया गया है उन भ्रष्ट लोगों पर क्या कार्यवाही होती हे

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