मध्य प्रदेश और पूरे देश में नौकरियों में कमी आ रही है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन EPFO के आंकड़ों के मुताबिक़ वर्ष 2023-24 में देश में सात लाख नौकरियां कम हुई है और मध्यप्रदेश में 29 हज़ार नौकरी कम हुई है।
यह अत्यंत चिंताजनक मामला है। प्रदेश में पहले ही बेरोजगारों की बड़ी संख्या है, जो कभी पटवारी भर्ती घोटाले, तो कभी नर्सिंग घोटाले, तो कभी व्यापम घोटाले, तो कभी आरक्षक भर्ती घोटाले से परेशान हैं।
अब आंकड़े बता रहे हैं कि निजी क्षेत्र में भी नौकरी घटती जा रही है।
सवाल यह है कि अगर सरकार न तो सार्वजनिक क्षेत्र में और न ही निजी क्षेत्र में नौकरी उपलब्ध करा रही है तो आख़िर नौकरियों को लेकर उसकी नीति क्या है?
यह अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि एक तरफ़ नौकरियां घट रही है, रोज़गार के अवसर कम हो रहे हैं और सरकारी भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह संदिग्ध होती जा रही है तो दूसरी तरफ़ प्रदेश सरकार सिर्फ़ इवेंटबाज़ी में व्यस्त है और कपोलकल्पित वादे करने में जुटी हुई है।
प्रदेश का नौजवान इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगा और कांग्रेस पार्टी हर क़दम पर नौजवानों के साथ खड़ी है।