जनसुनवाई में निर्वस्त्र हो गईं पारदी महिलाएं
पुलिस की कस्टडी में हुई देवा पारदी की मौत के बाद हंगामे का सिलसिला लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। जिला अस्पताल परिसर में आत्महत्या का प्रयास, पुलिस से झूमाझटकी करने वाली पारदी महिलाओं ने मंगलवार को जनसुनवाई परिसर में जमकर हंगामा किया। प्रशासन द्वारा एक साथ सभी महिलाओं को जनसुनवाई कक्ष में जाने से रोका गया तो महिलाएं खुद ही निर्वस्त्र होने लगीं। यह नजारा देखकर कलेक्ट्रेट में मौजूद पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। बाद में महिला पुलिस की मदद से पारदी महिलाओं को कलेक्ट्रेट से बाहर निकाला गया और देवा पारदी के नजदीकी परिजनों को कलेक्टर से मिलने की इजाजत दी गई।
बता दें कि देवा पारदी की मौत के मामले में पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगा रहीं महिलाएं मंगलवार को जनसुनवाई शुरु होने पर ही कलेक्ट्रेट पहुंच गई। इस दौरान तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा ने दो महिलाओं को कलेक्टर से मिलने और आवेदन देने की इजाजत दी। इसपर बहसबाजी शुरु हो गई। पारदी महिलाओं ने आरोप लगाया कि उन्हें कलेक्टर से मिलने के लिए रोका जा रहा है। जबकि प्रशासन नियमों का हवाला देकर कह रहा था कि एक साथ अधिक संख्या में आए लोगों के प्रतिनिधियों को जनसुनवाई में आने की अनुमति दी जाती है। बहसबाजी के दौरान जब महिलाएं आक्रोशित होकर हंगामा करने लगीं तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें बाहर जाने के लिए दिया। इसके बाद मामला और तूल पकड़ गया, महिलाओं ने चिल्लाना शुरु कर दिया। अधिकारियों ने महिला पुलिसकर्मियों को बुला लिया जिन्होंने पारदी महिलाओं को बलपूर्वक कलेक्ट्रेट परिसर से बाहर करने का प्रयास किया तो मामला और बिगड़ गया। कलेक्टर से मिलने आईं पारदी महिलाएं अपने आप ही निर्वस्त्र होने लगीं। महिला पुलिस ने सख्ती दिखाई तो झूमाझटकी शुरु हो गई, जिसमें एक पारदी महिला को चोट भी आई है। हालांकि पुलिस ने कलेक्ट्रेट में हंगामा नहीं करने की नसीहत देते हुए महिलाओं को कलेक्ट्रेट के बाहर कर दिया। जिसके बाद कुछ चुनिंदा पारदी महिलाओं को कलेक्टर से मिलने की अनुमति दी। बताया जा रहा है कि कलेक्टर से मुलाकात के दौरान पारदी महिलाओं ने देवा पारदी की मौत के मामले में दोषियों पर हत्या का केस दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है। हंगामे के दौरान देवा पारदी की होने वाली दुल्हन निकिता भी पहुंची थी, जिसे एक बार फिर गुना एसडीएम शिवानी पाठक गले लगाकर दिलासा देती नजर आईं।