महाप्रबंधक के निर्देश पर ‘टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन’ ने रचा इतिहासटाइगर रेस्क्यू: रेलवे ने चलाई विशेष ट्रेन, घायल शावकों को बचाया

पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल ने सोमवार को एक अनोखा और प्रशंसनीय ‘टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन’ संपन्न किया। यह अभियान भोपाल मंडल के इतिहास में पहली बार हुआ, जब रेलवे ने टाइगर रेस्क्यू के लिए विशेष ट्रेन चलाई।

पिछले सोमवार को ट्रेन की चपेट में आने से एक बाघ की मौत हो गई थी, जबकि उसके दो शावक घायल हो गए थे। ये शावक रेलवे ट्रैक के किनारे पड़े थे और संभवतः आंतरिक चोटों के कारण हिल-डुल नहीं पा रहे थे। घटनास्थल मिडघाट और चौका स्टेशन सेक्शन के बीच स्थित दो टनल के बीच था, जहाँ किसी भी प्रकार का वाहन पहुँच पाना संभव नहीं था। फॉरेस्ट और जिला प्रशासन शावकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इस बीच, बाघिन भी आसपास ही घूम रही थी, जिससे शावकों को उठाना असंभव प्रतीत हो रहा था।

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए कलेक्टर सीहोर ने भोपाल रेल मंडल के डीआरएम श्री देवाशीष त्रिपाठी से सहयोग की अपील की। डीआरएम भोपाल ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंधोपाध्याय को स्थिति से अवगत करवाया , जो उस समय भोपाल स्टेशन के निरीक्षण पर थीं। महाप्रबंधक महोदया ने त्वरित रूप से ‘स्पेशल रेस्क्यू ट्रेन’ चलाने की अनुमति प्रदान करते हुए मंडल रेल प्रबंधक को निर्देशित किया ।

डीआरएम भोपाल ने वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक से चर्चा कर एक सटीक रणनीति बनाई और ‘टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन’ चलाने का निर्णय लिया गया। मंगलवार की सुबह 9:30 बजे सीहोर जिला प्रशासन से अपील प्राप्त हुई और रेल प्रशासन ने ‘टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन’ चलाई। यह ट्रेन वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक और कलेक्टर सीहोर एवं उनकी टीम के साथ रानी कमलापति स्टेशन से 12:25 बजे रवाना हुई और 13:55 पर बुधनी पहुंची, जहाँ ट्रेन के इंजन को भी रिवर्स करना था।

ठीक 14:50 बजे ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पहुंची, जहाँ फॉरेस्ट और जिला प्रशासन की टीम और चीफ कंजरवेटिव ऑफिसर, डीएफओ, एसडीएम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। ट्रेन सेक्शन में रुकी और दो जीवित शावकों को कोच में चढ़ाया गया। ट्रेन 15:10 बजे घटनास्थल से रवाना हुई। यहाँ पर उल्लेखनीय है कि ‘टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन’ का संचालन महिला ट्रेन मैनेजर के निर्देशानुसार किया जा रहा था। ट्रेन 15:45 पर रानी कमलापति स्टेशन पर पहुंची और शावकों को सकुशल उतार कर फॉरेस्ट और जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंप दिया गया l

इस प्रकार भोपाल मंडल द्वारा मंडल रेल प्रबंधक के निर्देशन में एक अनोखा और साहसी ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन कुल 3 घंटे 20 मिनट चला, जिसमें 132 किलोमीटर की दूरी तय की गई। इस सफल ऑपरेशन ने पश्चिम मध्य रेल की तत्परता और समर्पण को एक बार फिर से सिद्ध किया है।

Author

Next Post

अमरवाड़ा चुनाव जीतने के बाद पहली बार अमरवाड़ा पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, जनता के प्रति माना आभार…

Tue Jul 16 , 2024
Post Views: 353 डॉ यादव ने औद्योगिक निवेश को लेकर अमरवाड़ा में ऑनलाइन की प्री मीटिंग .. छिंदवाड़ा को आधुनिक छिंदवाड़ा में बदलने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, सरकार और संगठन एक साथ करेंगी काम – डॉ यादव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा दौरे पर […]

You May Like

error: Content is protected !!