पुलिस हिरासत में पारदी युवक की मौत के बाद हंगामाविवाह की रस्मों के दौरान मंडप से उठाकर ले गई थी पुलिस मौत के बाद अस्पताल में महिलाओं ने किया आत्महत्या का प्रयास

गुना जिले के झागर चौकी क्षेत्र के छोटी कनारी निवासी पारदी युवक की पुलिस हिरासत में मौत के बाद जमकर हंगामा खड़ा हो गया। मृतक युवक देवा पारदी की मां ने रविवार देर रात जिला अस्पताल में पहले पेड़ से लटककर और बाद में आग लगाकर जान देने की कोशिश की। हालांकि मौके पर तैनात पुलिस बल ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है। मृतक युवक के परिजन पुलिस पर मारपीट के दौरान हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि पुलिस का दावा है कि देवा पारदी को लूट की रकम बरामद करने के लिए ले जाते समय उसे अटैक आ गया और मौत हो गई। बताया जा रहा है कि देवा पारदी को धरनावदा थाना पुलिस 13 जुलाई को उस समय गिरफ्तार कर ले गई थी, जब उसके विवाह की रस्में जारी थीं। परिजनों के मुताबिक पुलिस ने फायरिंग भी की थी। देवा के साथ उसके चाचा गंगाराम पारदी को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद दोनों पारदी युवकों को म्याना थाना पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। पुलिस का आरोप है कि देवा और गंगाराम ने म्याना थाना क्षेत्र के भिडऱा गांव में चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। इसी सिलसिले में दोनों से पूछताछ की जा रही थी। दोनों ने वारदात कबूल कर ली थी, इसके बाद माल बरामदगी के लिए उन्हें ले जाया जा रहा था। तभी देवा को अटैक आया, उसे पहले म्याना अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने के चलते जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां देवा पारदी ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद परिजन पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं। सोमवार सुबह देवा का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल से कराया गया है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी हो गए हैं। पोस्टमार्टम के दौरान देवा की दुल्हन बनने जा रही निकिता पारदी भी पहुंच गई और पुलिस पर उसकी शादी नहीं होने देने के आरोप लगाए हैं।

वहीं रूठियाई पुलिस चौकी से संचालित होने वाले धरनावादा थाने के अपराध क्रमांक 247/24 पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक 13 जुलाई को भोपाल और राजगढ़ की पुलिस टीम अपने जिले में हुई चोरी के आरोपियों की तलाश में झागर चौकी आई थी। जिसकी सहायता के लिए रूठियाई चौकी और धरनावदा थाने का पुलिस बल भी झागर चौकी पर इकट्ठा हुआ और पारदी बदमाशों और इलाके की स्थिति को ध्यान में रखकर पुलिस की अलग अलग पार्टियां बनाई गई।
दबिश के दौरान दो पार्टियों को बापूडा के घर की तरफ से एवं एक पार्टी को अजय पारदी के घर तरफ से आने की सूचना दी गई। सभी पार्टियां भोपाल व राजगढ़ के अपराधों में चोरी गए माल और वारदात के अपराधियों की तलाश के लिए रवाना हो गईं। एसआई राजेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व की पुलिस पार्टी ने ग्राम कनारी तरफ से अपने बल व वाहन को ना लेकर बापूडा के घर के पीछे खेत में दबिश दी तो कुछ लोग बापूडा पारदी के घर के पीछे बैठे दिखे।

एफआईआर के मुताबिक इनके नाम गंगू पारदी, पवन पारदी, #देवा पारदी, राजू पारदी, विक्की पारदी, बैरू पारदी, रवि पारदी, सिदबाज पारदी, हरिसिंह पारदी, टोमी पारदी, मनीष पारदी, राजू पुत्र रैत्या पारदी थे।

इन्हें पकड़ने के लिये पुलिस जैसे ही आगे बढ़ी तो बदमाश अलर्ट हो गए। पुलिस पार्टीयों द्वारा घिरा देखकर उक्त पारदी बदमाश जोर जोर से चिल्लाकर गालियां देते हुए बोले कि पुलिसवालों को मार दो आज जिंदा बचकर नहीं जाने देंगे और सभी ने इकट्ठा होकर शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने एवं पुलिस को जान से मारने की नीयत से हमला बोल दिया। गंगू पारदी व पवन पारदी ने अपने हाथ में ली बंदूकों से एसआई राजेंद्र सिंह व पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी, एक गोली एसआई राजेंद्र सिंह चौहान के कान के पास से निकली।

फिर पारदी गैंग लाठी, डंडे से लैस होकर पत्थरों से पुलिस पार्टी पर हमला करने लगी। अपनी जान बचाने की नीयत से एसआई राजेंद्र सिंह व उनके साथ गया फोर्स जमीन पर लेट गया। तभी पारदी समाज की महिलायें सूरज बाई, शालीनी, कपूरीबाई, पूजाबाई व अन्य महिलायें व पुरूष लोग आ गये जो पुलिस बल पर पथराव करने लगे। जिससे एएसआई संतोष को बाएं कंधे व सिर में पीछे, एएसआई उत्तम सिंह के पीठ में, कांस्टेबल नेपाल सिंह के दाहिनी कोहनी में, एएसआई सीताराम के सिर में पीछे, कांस्टेबल मुकेश मीना के बांये हाथ की कोहनी में, मनोज के बांये तरफ सिर व बांये गाल में, दीपक के माथे पर, देवेन्द्र के दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली, मंगल के पीठ व दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली व एसआई राजेंद्र सिंह के बांये हाथ के डढे पर व दाहिने हाथ की कलाई में चोट आयी। बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की।

इसके बाद उक्त सभी पारदी बदमाश अपनी महिलाओं की आड़ लेकर मोटरसाईकिल व पैदल महिलाओं के साथ खेत से होकर भाग गये। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 191(1), 191(2), 190, 109(1), 132, 121(1), 296, 221, 324 (4) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।

शनिवार को दिन में हुई इस घटना की देर रात में दर्ज हुई इस एफआईआर के बाद रविवार की रात को देवा पारदी की मौत होने की खबर सामने आई है। देवा के परिजन पुलिस कस्टडी में उसकी मौत होने का आरोप लगा रहे हैं। देवा की मौत की खबर के बाद कहानी उलझी सी नज़र आ रही है। जिला अस्पताल में देवा का शव पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है। पारदी समाज की महिलाएं इस मौत पर हंगामा कर रहीं हैं।

आरोप लगाया जा रहा है कि दबिश के दौरान पुलिस ने देवा समेत दो पारदी समुदाय के दो लोग उठाए थे। जिन्हें पूछताछ के लिए जगह बदल बदल कर धरनावदा थाने, ऊमरी चौकी और फिर म्याना थाने ले जाया गया। आरोप है कि इसी दौरान थर्ड डिग्री टॉर्चर से उसकी मौत हुई। इन आरोपों की असलियत तो थाने के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से ही सामने आ सकेगी

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