श्री भगवान देवनारायण मंदिर का जीर्णोद्धार व प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न

रुणजी गौतमपुरा मप्र, तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोस्व सम्पूर्ण हुआ इसमें भगवान श्री देवनारायण और साडू माता, श्री गणेश जी की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को पंचजन्य और दिव्य हवन अनुष्ठान करके सोभा यात्रा निकाली जिसमे सभी वर्गों के लोगो ने भरपूर सहयोग दिया गुर्जर समाज के पदाधिकारी और विद्वानो का भी आगमन हुआ, ग्रामीणों ने तन मन धन से सहयोग किया, मातृसक्ति यों ने भजन और गरबे खेले, डी जे ढ़ोल से प्रभु के दिव्य स्वरूप को शोभामान करके यात्रा निकाली, पुरे गांव में भक्ति रस से सरबोर ध्वनि सबको मन्त्र मुग्ध कर रही थीं, हवन और प्राण प्रतिष्ठा श्री यज्ञाचार्य,पंडित संजय जोशी रुणजी द्वारा सम्पन्न हुआ उनके द्वारा कई प्राण प्रतिष्ठा के बड़े और सफल आयोजन हुऐ है, उनका कहना है, देवेश्वर महादेव की कृपा हुई जो बहुत जल्द वापसी यें पुनीत अवसर भगवान ने उनको दिया, भारतीय जनता पार्टी ने भी मंच से स्वागत किया कीवदन्ति है की कलयुग में लोक देव ही सक्ति के स्रोत होंगे
भारत सांस्कृतिक विविधताओं वाला देश है. जहां संस्कृति व समाज के अनुसार लोक देवी-देवताओं की पूजा व उपासना की प्राचीन परंपरा है. इन्हीं लोक देवताओं में एक राजस्थान के भगवान देवनारायण के प्रति लोगों में अगाध आस्था है. जो मुख्य रूप से गुर्जर समाज के लोकदेवता हैं, लेकिन अन्य समाज भी उनके प्रति अपार श्रद्धा रखता है. आज हम उन्हीं भगवान देवनारायण का इतिहास बताने जा रहे हैं, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. उनकी ख्याति व आस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत सरकार ने 2 सितम्बर 1992 को देवनारायण की फड़ व 3 सितम्बर 2011 को भगवान देवनारायण पर पांच रूपये का डाक टिकट जारी किया था.

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