हमारे नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर परिचर्चा में कल सदन में जो वक़्तव्य दिया, उसके कुछ हिस्सों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया।श्री राहुल गांधी ने स्पीकर को पत्र लिखकर उनके भाषण के हिस्से हटाए जाने पर आपत्ति दर्ज की है।
अपने लंबे संसदीय अनुभव के आधार पर मैं भी लोक सभा अध्यक्ष से अनुरोध करता हूँ कि नेता प्रतिपक्ष के वक़्तव्य के हिस्से इस तरह से हटाना संसदीय मर्यादाओं के अनुरूप नहीं है। सदन के नेता के पास पर चर्चा के अंत में अपनी बात रखने का पूरा मौक़ा होगा। सत्ता पक्ष के सांसद भी श्री राहुल गांधी की बातों का जवाब दे सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष के भाषण के हिस्से हटा देना ना सिर्फ़ अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सीधा हमला है, बल्कि भारत के लोकतंत्र को मूक बना देने की कोशिश भी है।

