मध्य प्रदेश में दलितों के साथ हो रहा है भेदभाव – लक्ष्मीकांत राज
सागर जिला ब्यूरो सतीष सेन
सागर/आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला मीडिया प्रभारी एवं सागर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे लक्ष्मीकांत राज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की। ताजा मामला मध्य प्रदेश शासन के मंत्रालय से जुड़ा हुआ है। जहां पर प्रमुख सचिव की दौड़ में सम्मिलित वरिष्ठ मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी श्री जे. एन. कंसोटिया जी के संदर्भ में है। प्रदेश में कैडर के हिसाब से देखा जाए तो जय नारायण कंसोटिया जी प्रदेश के बहुत ही वरिष्ठ ऑफिसर है परंतु आश्चर्य की बात है कि किस आधार पर उन्हें अवर सचिव मध्य प्रदेश शासन से सीधे महानिदेशक राज्य प्रशासनिक अकादमी बनाकर मंत्रालय के बाहर कर दिया। जय नारायण कंसोटिया जी मध्य प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ-साथ अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग के एक कार्यकर्ता के रूप में सदैव सामाजिक कार्य करते रहे हैं। और दलित वर्ग में उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है मुझे कहने में कोई आश्चर्य नहीं की मध्य प्रदेश में दलितों का नेतृत्व आज भी शून्य हैं। जब भी प्रदेश में किसी के ऊपर अत्याचार भेदभाव होता है तो मध्य प्रदेश मे उत्तर प्रदेश , राजस्थान , गुजरात,चंद्रशेखर रावण या मायावती जी ,अखिलेश यादव, हनुमान बेनीवाल ,जिग्नेश मेवाड़ी जैसे नेताओं को आकार उनके अधिकार के लिए आवाज उठानी पड़ती है प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक पूर्व में कई उभरते दलित नेतृत्व को खत्म किया गया 1998 में फूल सिंह बरैया के रूम में बहुजन समाज में एक नेतृत्व मध्य प्रदेश में तैयार किया गया था जिसे षडयंत्र पूर्वक एक पूर्व मुख्यमंत्री ने दलितों को अपने पक्ष में लेकर एवं बहन मायावती जी ने उन्हें पार्टी से निकलकर समाप्त कर दिया था। इसी प्रकार देखा जाए तो विगत 15 वर्षों में रमेश थेठे ,शशि कर्णावत जैसे आईएएस अफसर को भी भेदभाव और प्रताड़ना से प्रताड़ित होगा नौकरियों से इस्तीफा देना पड़ा आज प्रदेश में नेता कार्यकर्ता अफसर सभी कहीं ना कहीं उनकी पीड़ा से त्रस्त है मेरा सरकार से निवेदन है कि अनुसूचित जाति जनजाति के हमारे वरिष्ठ आदरणीय जी नारायण कंसोटिया जी को प्रमुख सचिव के रूप में प्रदेश में नेतृत्व दिया जाए।