आशीष साहू नरसिंगुर
अतरिया पंचायत सचिव ने लगाये बिना जीएसटी के बिल, लाखों रूपये की निकाली राशि
सचिव सरपंच ने दिखाया नियमों को धता, नियम विरूद्ध लगे बिल , सचिव ने स्वीकारी गलती
नरसिंहपुर। सरकार लाखों रूपये की राशि स्वीकृत कर ग्राम विकास तथा गरीबों के कल्याण की योजनायें तैयार कर राशि स्वीकृत की जाती है। वही प्रशासन मे बैठे गैर जिम्मेदार व लापरवाह कर्मचारियो एवं अधिकारियों द्वारा शासन की मूल्यवान योजनाओं को पलीता लगाया जाता है । इसी प्रकार का मामला गोटेगांव ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत अतरिया का सामने आया जहां पर सरपंच व सचिव द्वारा बिना जीएसटी के बिल लगाकर लाखों रूपये की राशि निाकल ली गई ।
ग्राम पंचायत अतारिया व्याप्त भ्रष्टाचार व अनियमितताएं के बोलवाला के चलते सचिव सरपंच ने विकास के नाम पर बिना जीएसटी के फर्जी बिल लगाकर लाखों की राशि आहरण करने का मामला प्रकाश में आया है,आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं।और अधिकारियों के द्वारा लीपापोती कर उन्हें सुधार कर अपनी हिस्सेदारी बना ली जाती हैं,ऐसा ही एक मामला नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत अतारिया सरपंच सचिव के द्वारा बिना जीएसटी के फर्जी बिल पर लाखों रुपए का बिलो का भुगतान हो गया,इस तरह की गैर जिम्मेदाराना हरकत ग्राम पंचायत की भ्रष्टाचार की पोल खोलती नजर आ रही है,जी हां हम बात कर रहे हैं, ग्राम पंचायत अतारिया की जहां पंचायत में किए गए कार्यों के बिल भुगतानों में सरपंच सचिव द्वारा भारी अनियमिताएं एवं लापरवाही व अनदेखी नजर आ रही है। ग्राम पंचायत अतारिया में ग्राम पंचायत के कार्यो के किए गए बिलो का भुगतान बिना जीएसटी के फर्जी बिलों पर कर दिया गया है उसका ना तो कोई भी दुकान और ना ही किसी प्रकार का जीएसटी नंबर है इसके अलावा अन्य ट्रेडर्स के नाम पर दीपक कुमार जैन के नाम से लगा रेत का फर्जी बिल एवं राजेश कुमार छिरा के द्वारा लोहे का बिल लगाया गया है जिसकी दुकान का पता हिड़की पिपरिया लिखा हुआ दर्शाया है जबकि खिड़की पिपरिया ग्राम में कोई भी दुकान ट्रेडर्स कि नहीं है और ना ही जीएसटी है इससे यह प्रतीक होता है ग्राम पंचायत ने शासन के बिल भुगतान संबंधित नियम आदेशों का ग्राम पंचायत के जिम्मेदार सरपंच सचिव द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही है जिससे यह प्रतीक होता है कि नकली फर्जी बिना जीएसटी के बिल लगाकर शासन की लाखों रुपए की राशि निकालकर होली खेल रहे और ग्राम पंचायत के विकास की जगह खुद अपना विकास करने में लगे हुए हैं,इस तरह की इतनी बड़ी लापरवाही सचिव सरपंच की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है, क्योंकि इस तरह से फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा कर शासन की राशि को पतिला लगाने में जुटे हुए हैं, ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव की मिली भगत से पैसे निकालकर विकास कार्यो की राशि का गलत उपयोग किया जा रहा हैं,कहीं ना कहीं यह मामला बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा हैकि आखिर इस राशि से विकास हुआ भी की नही या सिर्फ बिलो के भुगतान ही हो रहे हालांकि ये तो जांच का विषय है और जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा,अगर जनपद पंचायत के अधिकारी ग्राम पंचायत अतारिया में हो रही अनियमितताएं एवं फर्जी बिलों की जांच करने के साथ-साथ सरपंच सचिव द्वारा किए गए निर्माण कार्यों का आकलन करें तो भ्रष्टाचार के और भी खुलासे हो सकते हैं,मगर अधिकारी जांच करने ग्राम पंचायत तक पहुँच ही नही पाते और सीट पर बैठे क्लीन चिट दे देते हैं।इस कारण ही भ्रष्टाचार की जड़े मजबूत हो रही है। इस मामले में नकली फर्जी बिल वाले जिन-जिन ट्रेडर्सौ के नाम के बिल ग्राम पंचायत अतारिया में लगाए गए हैं उनके ऊपर भी दंडात्मक कार्यवाही होना चाहिए।
इनका कहना
उक्त संबंध मे मुझे जानकारी नही है आपके द्वारा जानकारी दी गई है मै इसकी जांच कराती हूं ।
श्रीमती वर्षा झारिया , सीईओ जपं.
बिना जीएसटी के बिल भुगतान नही होते है लेकिन मेरे द्वारा लगाये गये थे और जनपद पंचायत द्वारा स्वीकृत कर भुगतान कर दिया गया जिससे मेरे द्वारा और बिल लगा दिये गये थे ।
नरेंद्र पटेल , सचिव
बिना जीएसटी के बिल लगाये जाने की जानकारी नही है मै सचिव से चर्चा कर ही कुछ कह पाउंगा ।
रणजीत आर्य , सरपंच